जनहित में सशर्त सवारी गाड़ियों को भी दी जाए छुट
रायपुर/ छत्तीसगढ़ राज्य के कई जिलों ,शहरों में सोमवार से सरकारी दफ्तरों से लेकर रोजमर्रा की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए संचालन करने की अनुमति दी गई हैं लेकिन आवागमन के लिए कोई सुविधाएं न देना भी चिंता का विषय है। छत्तीसगढ़ राज्य में कई ऐसे लोग हैं जो सवारी गाड़ियों के भरोसे ही अपने गंतव्यों की ओर जाते हैं ।जिसमें अधिकांश ऐसे परिवार शामिल होते हैं जो रोजी -मजदूरी कर के अपना जीवनयापन करते हैं तो कई ऐसे भी हैं जिनके पास कोई साधन नहीं हैं खासकर गरीब महिलाएं हैं। जिले और शहर में किसी प्रकार की आवागमन हेतु सवारी गाड़ियां न चलने से जरुरत मंद लोग पैदल ही साग -सब्जी,अपने कार्य स्थल से लेकर इलाज कराने के लिए अस्पताल भी पैदल जाने विवश हैं। निश्चित रुप से लोगों के आवागमन के लिए सशर्त सवारी गाड़ियों को अनुमति देना चाहिए ताकि जरूरत मंदों को न केवल अपने गंतव्यों की ओर बल्कि अस्पाताल जाने -आने के लिए कोई परेशानी न हो। वही शहरों में सवारी ऑटो का संचालन करने के लिए अनुमति दी जाती हैं तो इसमें यात्रा किराए का भी विशेष रुप से उल्लेख करने होंगे ताकि ऑटो रिक्शा चालक मानमानी न कर सके। प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में कलेक्टर डां. संजय अलंग ने आज मंगलवार से बहुत से चीजों पर भारी छुट दे दी हैं। जिसमें सभी मार्केट सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित करने का आदेश दिए गए हैं। वहीं सरकार द्वारा निजी दुपहिया वाहन पर एक और चारपहिया वाहन में ड्राइवर के साथ एक ही व्यक्ति को बैठने की छुट दी हैं। जिससे खुद के परिजनों को आवश्यक पड़ने पर कहीं नहीं ले जा सकते हैं ऐसे में जरूरत मंद व्यक्ति किसे यात्रा करें ? इस सवाल का जवाब हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ही दे तो बेहतर होगा।बहरहाल लोगों की आवश्यकता को देखते हुए सवारी गाड़ियों को शर्त संचालन करने की अनुमति देना जनहित में होगा।