पत्रकारों, फोटोग्राफरों पर हो रहे हमले, प्रशासन मौन


रायपुर/  छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार पत्रकारों, फोटोग्राफरों की सुरक्षा के साथ ही विकास की बातें करते हैं पर यह एक कोरा झूठ ही लगता हैं क्योंकि आज भी पत्रकारों, फोटोग्राफरों से खुलेआम मारपीट एवं दुर्व्यवहार करने की शिकायत आम हो गई हैं। इसी कड़ी में न्यायधानी बिलासपुर के एक दैनिक अखबार के फोटोग्राफर के पुत्र को मोहल्ले वासियों ने जमकर पीटा था। जिसे गंभीरता से लेकर प्रेस क्लब ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर सुरक्षा की मांग की है। 
  बिलासपुर के एक दैनिक अखबार के फोटोग्राफर द्वारा अपने कार्य को पूर्ण निष्ठा के साथ करने पर मोहल्ले वासियो ने उनके पुत्र को जमकर पीटा हैं। जिस पर आरोपियों की गिरफ्तारी हो गई हैं। इसी मामले को लेकर आज बिलासपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष तिलक राज सलूजा के नेतृत्व में सदस्यों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपकर पत्रकारों एवं फोटोग्राफरों तथा उनके परिजनों कु सुरक्षा एवं सहयोग करने एवं इन पर विरुद्ध दोषपूर्ण कार्यवाही करने पर रोक लगाने की  मांग की गई  है।जिससे उम्मीद की जा रही हैं कि प्रशासन पत्रकारों एवं फोटोग्राफरों के साथ ही उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराएगी। 


पत्रकारों में भेदभाव क्यों ?


 वहीं दुखद विषय यह भी है कि आज भी पत्रकारों के बीच भेदभाव देखने को मिल रहे है क्योंकि शासन की योजनाओं का लाभ केवल दैनिक अखबार, न्यूज चैनलों को मिल रहे हैं बाकी साप्ताहिक, पक्षिक, मासिक अखबारों के पत्रकारों को किसी प्रकार का कोई लाभ ही नहीं मिल पा रहा है। जैसे अधिमान्यता पत्रकार ,विशेष परिस्थितियों पर इन्हें प्रशासन द्वारा पास जारी न किया जाना ,ये सब भेदभाव नहीं तो और क्या है ? वहीं इस पर पत्रकार संगठन भी कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। बहरहाल बिलासपुर प्रेस क्लब ने पत्रकारों, फोटोग्राफरों के साथ ही इनके परिजनों की सुरक्षा की मांग की है। 



तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक, डिसेंट रायपुर