सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराने में पुलिस प्रशासन नाकाम


तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक ,डिसेंट रायपुर 



बिलासपुर/  छत्तीसगढ़ प्रदेश में कोरोना को पराजित करने के लिए राज्य  एवं केंद्र शासन के आदेश पर  पुलिस प्रशासन ने शुरुआती दौर में बहुत कड़ाई कर लॉकडाउन और धारा 144 का पालन कराने में अहम् भूमिका निभाया मगर अब इस ओर पुलिस प्रशासन औपचारिकता निभाने में लगे हुए हैं। जिससे सोशल डिस्टेसिंग का खुलेआम उल्लंघन हो रहा हैं। 
छत्तीसगढ़ की राजधानी से लेकर न्यायधानी तक के पुलिस कप्तान सड़क पर उतर कर धारा 144 और लॉकडाउन का पालन कराने के लिए कड़ी मेहनत किए हैं। केंद्र एवं राज्य शासन के आदेश पर राज्य के सभी जिलों में सोशल डिस्टेसिंग को गंभीरता से लेते हुए जिला कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने दुपहिया वाहन में केवल चालक और   चार पहिया  वाहनों में ड्राइवर और पीछे सीट पर एक व्यक्ति यानि कि चार पहिया वाहनों पर आगे -पीछे सीट पर दो व्यक्ति को यात्रा करने की अनुमति प्रदान दी गई। जिस पर पुलिस प्रशासन को कड़ाई से पालन कराने का आदेश जारी दिए गए हैं। आज डिसेंट रायपुर टीम ने रायपुर शहर के साथ ही बिलासपुर ,मुंगेली , गौरेला-पेण्ड्रा,मरवाही,जांजगीर-चाम्पा सहित अन्य जिलों का सार्वजनिक स्थानों का जायजा लिया तो पाया कि दुपहिया वाहनों पर एक के बजाए दो और चार पहिया वाहनों पर दो से तीन व्यक्ति बैठकर सफर कर रहे हैं। जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के आदेशों का पुलिस प्रशासन खुलकर उल्लंघन करने में लगे हुए हैं। बहरहाल वाहनों पर सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराने में पुलिस प्रशासन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहे हैं।


ईजी ने किया कार्रवाई -वहीं बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक दीपांशु काबरा लगातार लॉकडाउन और धारा 144 का सख्ती से पालन कराने अब भी औचक निरीक्षण कर रहे हैं और इस दौरान इन्होंने बिलासपुर शहर के दो आरक्षकों पर कार्रवाई कर चुके हैं बावजूद पुलिस अपनी कार्य को अब औपचारिकता निभाने के लिए कर रहे हैं जो चेक पोस्टों पर भी किसी वाहनों का कड़ाई से जांच पड़ताल नहीं कर रहे हैं। कई जगहों पर पुलिस जांच के नाम पर वसूली के साथ ही दुर्व्यवहार करने लगे हैं। जिस पर समय रहते जिलों के पुलिस अधीक्षकों को गंभीरता से कार्रवाई करने की आवश्यकता हैं।



तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक ,डिसेंट रायपुर