रायपुर/ छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना महामारी को लेकर जब से धारा 144 और लॉकडाउन लागू हुए हैं तब से शराब दुकानें भी बंद हो गई हैं और इस बीच अवैध शराब बिक्री करने के साथ ही महुआ शराब की बिक्री करने वालों के खिलाफ कानून के रखवाले कड़ी कार्रवाई कर रहे हैं मगर खुद वर्दी की आड़ में शराब की दस्तरी करने के साथ अवैध शराब खरीदी कर शराब के नशे में हंगामा मजाने वाले पुलिस के खिलाफ क्या अन्य आरोपियों की तरह सलाखों में भेजा जाएगा ?
छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना महामारी के रोकथाम के लिए हमारे पुलिस प्रशासन अपने घर परिवार को छोड़कर 24 घंटे काम कर रहे हैं जो काबिल ए तारीफ हैं लेकिन इस बीच छत्तीसगढ़ के कांकेर, मुंगेली जिले में वर्दीधारी ही शराब के अवैध तस्करी करने के साथ ही बिलासपुर जिले के दो पुलिस कर्मी शराब के नशे में चूर होकर रतनपुर क्षेत्र में हंगामा मचाने के मामले पर कार्रवाई की गई मगर क्या इन वर्दीधारियों पर अन्य आरोपियों की तरह अपराध पंजीबद्ध कर जेल भेजते हुए पुलिस प्रशासन अपने महकमे के लापरवाह पुलिस कर्मियों पर सख्ती से कार्रवाई कर जेल भेजेंगे और निलंबित करने के बजाय हमेशा के लिए नौकरी से बर्खास्त करेंगे ? इसका जवाब तो विभागीय मंत्री ताम्रध्वज साहू से बेहतर कौन भला देगा । निश्चित रुप से आज कोरोना महामारी से पुलिस ने आम लोगों के बीच बेहतर छवि बनाए हुए मगर उक्त कारोबार में लिप्त पाए जाने से पुलिस प्रशासन की छवि पर प्रश्न चिन्ह लग चुका हैं। बहरहाल देखना होगा कि शराब की दस्तरी करने के साथ ही लॉकडाउन के बाद भी कहां से अवैध शराब खरीद कर शराब पीकर हंगामा करने वाले लापरवाह पुलिस कर्मियों पर निष्पक्ष कार्रवाई की जाती हैं या नहीं ?
तरुण कौशिक कार्यकारी संपादक ,डिसेंट रायपुर