भ्रष्टाचारी के आरोपी लिपिक बीमार,अधिकारी पहुंचे उनके गांव  मामले पर आया नया मोड़


बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक के निर्वाचन क्षेत्र के बिल्हा जनपद पंचायत इन राजनीति का अखाड़ा बन चुका हैं और यहां जनपद पंचायत उपाध्यक्ष ने सीईओ पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं उस मामले पर सीईओ ने संबंधित शाखा प्रभारी के लिपिक को मामला उजागर होने पर नोटिस जारी कर जवाब मांगा हैं ।इस बीच बाबू बीमार हैं और उनके गृह ग्राम में जिला पंचायत के जिम्मेदार अधिकारी द्वारा पहुंचना मामले को दबाकर सीईओ और लेखापाल को फसाने की ओर इशारा करती हैं।
 बिलासपुर जिला मुख्यालय से लगे बिल्हा जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष विक्रम सिंह ने यहां के सीईओ पर बीआरजीएफ योजना में लगभग 31 लाख रुपये का गबन करने का आरोप लगाया है। जिस पर मामला उजागर होने पर सीईओ ने लेखापाल और  मामले से संबंधित लिपिक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है ।इस बीच जिला पंचायत में उपाध्यक्ष के एक रिस्ते दार  रिमन सिंह सीईओ को बिना जानकारी दिए संबंधित लिपिक के ग्राम दुर्गडीह पहुंच कर मनरेगा सहित अन्य योजनाओं का निरीक्षण करते हैं जो अच्छी बात हैं मगर सवाल यहीं उठता है कि जनपद पंचायत सीईओ को इसकी जानकारी रिमन सिंह ने क्यों नहीं दी और जिस बाबू के शाखा में गबन का मामला सामने आया हैं उनके गांव जाकर कहीं मामले पर सीईओ और लेखापाल को एकतरफा फसाने की तैयारी की जा रही हैं क्योंकि सूत्रों का कहना है कि यहां पर रिमन सिंह ठाकुर सीईओ बनने की चाहत पाले हुए हैं और नेता प्रतिपक्ष धरम लाल कौशिक के स्वजाति बंधु सीईओ की छवि धूमिल कर इन्हें हटाने की रणनीति शुरु से ही बनती आ रही हैं। निश्चित रूप से रिमन सिंह को इस क्षेत्र में दौरा करने की जानकारी सीईओ को जानकारी देते हुए साथ ले जाना था मगर ऐसा न कर रिमन सिंह खुद सवालों के घेरे में हैं क्योंकि बीआरजीएफ गबन मामले पर एक अखबार को रिमन सिंह ने अपना कथन दिया था ऐसे में संबंधित शाखा बाबू के गृह ग्राम में विकास कार्यों का जायजा लेने के बहाने कहीं संबंधित बाबू शांडिल्य पर दबाव तो नहीं बनाया गया ?