रायपुर। पूरा देश कोरोना महामारी वायरस के चलते दहशत में हैं और जो लोग अपने प्रदेश को छोड़कर दूसरे प्रदेश कमाने खाने गए थे ।वह हरहाल में अपना घर -द्वार लौटने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। सरकार भी पलायन करने वाले को उनके गृह निवास पहुंचाने के लिए विशेष ट्रेन चला रहे हैं मगर इस तस्वीर को देखकर लॉकडाउन में गरीब मजदूरों के लिए लागू की गई व्यवस्थाओं की पोल खोलते हुए प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करती हैं।
पलायन की दर्दनाक तस्वीरें हमें लगातार देखने को मिल रही हैं लेकिन इस लॉकडाउन में सबको रुलाया देने वाली यह तस्वीर देखें, बैल के साथ गाड़ी खींच रहा मजदूर..।छत्तीसगढ़ राज्य से लगे मध्यप्रदेश के इंदौर बाईपास पर यह दहला देने वाली तस्वीर देखने को मिली हैं। जहां एक व्यक्ति खुद बैल के साथ बैल गाड़ी को खींचते हुए दिखाई दे रहा हैं । युवक ने 15 दिन पहले अपने परिवार का पेट भरने के लिए अपने एक बैल को आधी कीमत पर बेच दिया। इस तस्वीर के सामने आने के बाद सरकार की व्यवस्थाओं और इसके क्रियान्वयन करने वाले प्रशासन की पोल खोल दी हैं और यह दिल दहला देने वाली तस्वीर प्रशासनिक व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर रहे हैं। बैल के साथ इंसान खींच रहा गाड़ी परिवार के लिए जानवरों की तरह कर रहा काम मध्यप्रदेश के इंदौर में महु से निकले राहुल ने खुद को बैल की जगह बैलगाड़ी में जोत कर अपने परिवार सहित चलना शुरु किया और लॉकडाउन के दौरान आ मजदूरों की पलायन की तस्वीरों में यह सबसे दर्दनाक तस्वीर यह सामने आई हैं ।जब इंसान को जानवर की तरह अपने परिवार का पालन पोषण करने के लिए इस हद तक गुजरना पड़े। निश्चित रुप से कोरोना महामारी ने सरकार द्वारा गरीबों के हित में लागू योजनाओं का लाभ इन्हें मिल पा रहा हैं या नहीं ,कोरोना में पलायन मजदूरों की दर्दनाक तस्वीरों को देखकर सहजरूप से अंदाजा लगाया जा सकता हैं कि गरीबों की योजनाओं में खुलकर भ्रष्टाचार किया जाता हैं और यहीं कारण हैं कि इन गरीब मजदूरों को अपना गांव-प्रदेश छोड़कर रोजगार की तलाश में अन्य राज्य पलायन करना मजबूरी ही तो हैं।बहरहाल इस तस्वीर को देखकर सबको सोंचने मजबूर कर किया हैं कि सरकार की योजनाएं सरकारी कागजों पर ही पूर्ण होती हैं, जमीनी स्तर पर होता तो आज देशवासियों को दिल दहला देने वाली यह तस्वीर सपनों में भी दिखाई नहीं देती।
तरुण कौशिक,
कार्यकारी संपादक ,डिसेंट रायपुर