सीएम की कुर्सी संभालते ही शिवराज सिंह ने दिखाई दरियादिली...



कांग्रेस शासनकाल में रोका गया विज्ञापन बिलों का भुगतान हुआ शुरू....


भोपाल/ पिछले एक साल से प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने समाचार पत्र पत्रिकाओं को विज्ञापन से पृथक कर उनके प्रकाशन बन्द करने की साज़िश रची गई। इस साजिश के तहत लघु एवं मध्यम समाचार पत्रों को सबसे ज्यादा प्रताड़ित किया गया। पन्द्रह सालों के बाद कांग्रेस के सत्ता में आने से पत्रकारों को बड़ी उम्मीद थी कि नई सरकार पत्रकारों के कल्याण के लिए पहले से अधिक प्राथमिकता देगी,पर यहां उलटा ही हुआ ,जो पहले से जारी था उसे भी छीन लिया गया और पत्रकारों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया। कांग्रेस की सरकार में मुख्यमंत्री से लेकर जनसम्पर्क मन्त्री इतने अहंकारी/घमंडी थे कि उन्होंने पत्रकारों की बात मानना तो दूर उनसे मिलना भी उचित नहीं समझा। जबकि शिवराज सिंह के मुख्यमंत्री रहते कभी पत्रकारों को आन्दोलन करने की आवश्यकता नहीं पड़ी थी। समय-समय पर सभी लघु समाचार पत्र,पत्रिकाओं को विज्ञापन जारी होते रहे और विज्ञापन बिलों का भुगतान भी समय पर होता रहा। कोरोना संकट के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दरियादिली दिखाते हुए विज्ञापन बिलों का भुगतान शुरू करा दिया है। कई समाचार पत्र पत्रिकाओं का भुगतान शुरू हो गया है,जिनका भुगतान नहीं हुआ है वह भी जल्दी आ जाएगा। इस समय कई मोर्चो पर लड़ रही शिवराज सरकार को पत्रकारों की चिंता करना बहुत महत्वपूर्ण है। यदि प्रदेश में अभी कमलनाथ सरकार होती तो न जाने पत्रकारों को और कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता। कांग्रेस सरकार में पचास प्रतिशत कमीशन लेकर विज्ञापन बांटे गये तथा बिलों का भुगतान भी बिना कमीशन लिए नहीं किया गया। बिल पास कर भुगतान करने वाले ये अधिकारी अब भी जनसम्पर्क कार्यालय में डटे हुए है। पीएमजेए ने जिन भृष्ट अधिकारियों और बाबुओं के खिलाफ मोर्चा खोला था उनमें बड़े से लेकर छोटे अधिकारी तक को अपने पद से हटना पड़ा है,अब जो शेष अवशेष बचें है उनके जाने का इन्जार है,इनके जाने के बाद ही जनसम्पर्क विभाग मे शिवराज कार्यकाल की पुरानी शैली लौटेगी। 


▪️परवेज भारतीय (राष्ट्रीय अध्यक्ष )


रघु मालवीय ( प्रदेश अध्यक्ष मप्र )


प्रिंट मीडिया जर्नलिस्ट एसोसिएशन