⚡➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
भोपाल - जनसंपर्क संचालनालय में बदनाम , प्रलय श्रीवास्तव औऱ एचएल चौधरी की जोड़ी ने अखबारों क़ो विज्ञापन देने के बदले जमकर कमीशनख़ोरी की है़ ! जनसंपर्क संचालनालय के इतिहास में कमलनाथ सरकार के 15 महीने दलाली, भ्रष्ट्राचारी, कमीशनख़ोरी के नाम काले अक्षरो में दर्ज हो गऐ है़ , जो कभी मिटाए नही जा सकते ! वही भ्रष्ट्राचारी प्रलय श्रीवास्तव क़ो भाजपा की सरकार बनते ही विज्ञापन शाखा से हटा दिया गया है़ ! लेकिन शिवराज सरकार में अभी भी एचएल चौधरी ( दूसरे कमीशनबाज़ ) अधिकारी जमे है़ !
जनसंपर्क विभाग के षड़यन्त्रकारी गोटीबाज़ अधिकारी* विज्ञापन प्रभारी एचएल चौधरी ने प्रलय श्रीवास्तव के हटने से पहले ही अपनी गोटियां बेठा दी थी ! प्रलय श्रीवास्तव के हटने के साथ साथ सयुंक्त संचालक संजय जैन की पदस्थापना ठेकेदारी प्रथा पर करवा दी !विज्ञापन प्रभारी एचएल चौधरी, प्रलय श्रीवास्तव की जगह उप संचालक *राजेश बेन* क़ो विज्ञापन शाखा में पदस्थ करवाना चाहते थे लेकिन सहायक संचालक *दुर्गेश रैकवार* क़ो विज्ञापन शाखा में लाने के कारण उनका सपना अधूरा रह गया ! वही विज्ञापन शाखा,की भुगतान शाखा में *क्रांतिदीप अलुने* पहले से ही पदस्थ है़ ! चार अधिकारी एक विशेष वर्ग के हो जाते , इस कारण संजय जैन की पोस्टिंग ठेकेदारी प्रथा पर करवा दी !
*शिवराज शासनकाल की लोकप्रिय नीतियां पुनः वापस लागू की जाये !*
तत्कालीन जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने अपर संचालक एचएल चौधरी को विज्ञापन शाखा का प्रभारी बनाया था , वही उप संचालक प्रलय श्रीवास्तव को कॉंग्रेस की मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने विज्ञापन शाखा की महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी दिलवाई थी ! इन दोनों कॉंग्रेस के समर्पित अधिकारियों ने भाजपा से जुड़े पत्रकारो और लघु अखबारों को विज्ञापन ना देने के लिए कई नीतियां बनाई थी जिस कारण *भाजपा से जुड़े लघु समाचार पत्रों को पूरी तरह से विज्ञापन देना बंद कर दिए थे !* कमलनाथ शासनकाल में बनाई गई नीतियां अब भाजपा की शिवराज शासनकाल में थोपी जा रही है !
शिवराज शासनकाल में जारी होने वाले प्रदर्शन विज्ञापन , सूची के समस्त दैनिक अखबारों को दिए जाते थे ! मध्यप्रदेश के समस्त पत्रकारो की मांग है की शिवराज सरकार में तत्कालीन कमलनाथ सरकार की नीतियां लागू नही की जाये ! बल्कि शिवराज शासनकाल की लोकप्रिय नीतियां पुनः वापस लागू की जाये ! और विज्ञापन शाखा को कॉंग्रेस के कब्ज़े से मुक्त किया, *जिस प्रकार मुख्यमंत्री प्रेस प्रकोष्ठ को पूरी तरह से बदलकर कॉंग्रेस मुक्त किया है ठीक उसी प्रकार जनसंपर्क विभाग और विशेष तौर पर विज्ञापन शाखा को भी कॉंग्रेस मुक्त किया जाकर वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की छवि चमकने और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रिंट मीडिया, सोशल मीडिया,इलेक्ट्रानिक मीडिया व अन्य कई माध्यमों से ब्रांडिंग करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की पुनः पदस्थापना की जाये !