गरीबों को आवासीय पट्टा देने की घोषणा करने वाले कांग्रेस सरकार गरीबों को कर रहे बेघर


तरुण कौशिक, कार्यकारी संपादक, डिसेंट रायपुर अखबार


बिलासपुर / छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस सत्ता में आने से पहले गरीबों को आवासीय पट्टा देने के साथ ही भूमि विहीन लोगों को पक्का मकान देने की घोषणा किए थे मगर आज सत्ता में आने के बाद सरकार अपनी घोषणाओं को भूल चुकी हैं और गरीबों को इस भीषण गर्मी और कोरोना महामारी के बीच बेघर करने में लगे हुए हैं। उक्त बातें छत्तीसगढ़ आम आदमी पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने कहीं।


    बेरोजगारी और महामारी के इस बेहद गंभीर समय में बिलासपुर के इमली भाटा, बहतराई, सरकंडा के अटल आवास से बेघर होने वाले मजदूर, गरीब के सिर से छत छीनने वाली विकास की प्रक्रिया से आहत लोगो के हित में निर्णय लेने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश के आम आदमी पार्टी के प्रदेश कोषाध्यक्ष सरदार जसबीर सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिलासपुर कलेक्टर के माध्यम से सौंपे ज्ञापन पत्र में कहा हैं कि वर्तमान में पूरे देश में एक संकट छाया हुआ है, जिसकी मार देश का बड़ा तबका मजदूर वर्ग पर पड़ रही है।ऐसे हालात में सरकार बार बार सबको ये भी कह रही है कि घरो में रहिये, पर इसी के बीच बिलासपुर , छत्तीसगढ़ के गरीबी रेखा से नीचे का गुजर बसर करने वाले लोगो के लिए बनाए गए आवास , जो कि कई वर्षों से किसी को आबंटित नही हुए और उसको खाली पाकर उसमे मजबूरी में मजदूरी करने वाले गरीब लोगों का रहना काफी वर्षो से हो रहा है। इन सब लोगो ने आवास योजना के अंतर्गत बार - बार आवेदन भी सम्बंधित अधिकारियों को दिए है और आवास योजना का फॉर्म भी डाला है, इनको मौखिक तौर पर आश्वासन भी दिया गया था कि आपको आवास आवंटित कर दिए जाएंगे, और कोई भी प्रकार की कार्यवाही के पहले , सूचित किया जाएगा पर ऐसा कुछ नही हुआ और कोरोना महामारी के इस दौर में जब ना जेब एक भी पैसा है, और ना ही खाने को रोटी, उसमे सिर से छत लेने की मुहिम भी चल गयी है।


सरदार जसबीर सिंह ने अपने पत्र में कहा हैं कि नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा इन गरीबों से बोला जा रहा है कि अवैध रूप से रह रहे है सब, इसी विषय में मजबूर गरीब , मजदूर तबके वाले इन सभी लोगो ने बिलासपुर के विधायक शैलेश पाण्डेय से भी मुलाकात की है, जिस पर विधायक पाण्डेय ने भी आश्वासन देते हुए, जिला के कलेक्टर और निगम को चिट्ठी लिखी है। ये जितने भी लोग है, ये सभी जरूरतमंद लोग है, जब तक इन सभी की कोई आवास की वैकल्पिक व्यवस्था नही की जाती, तब तक इन्हें ना हटाया जाए, और फिलहाल महामारी के इस समय में अरपा प्रोजेक्ट को रोक दिया जाना ही बेहतर होगा।


क्या है अरपा प्रोजेक्ट-?


वर्तमान में अरपा पर दो चेक डेम और 820 मीटर रिवर ब्यू रोड निर्माण की योजना है। दो चेक डेम लगभग 100 करोड़ की लागत से बनेगी । प्राप्त जानकारी के अनुसार इसका टेंडर जारी हो चुका है, और रिवर ब्यू रोड का टेंडर प्रक्रियाधीन है।


 इन दोनों प्रोजेक्ट से अरपा नदी के किनारे निवासरत लगभग 650 परिवार का विस्थापन होना तय है। इसीकारण से विगत कुछ दिनों से बिलासपुर में निर्मित अटल आवास/इंदिरा गांधी आवास/अन्य मजदूरों के लिए निर्मित आवास में बिना आंबटन के निवासियों को बिना कोई मोहलत दिए तत्काल खाली कराया जा रहा है।जिससे ये प्रोजेक्ट की जद में आनेवाले 650 परिवारों और इन आवासों में रहने वाले सैकड़ो मजदूरों पर अचानक विपदा आ गई है । इन्होंने कहा हैं कि मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए । बिलासपुर के इमली भाटा, बहतराई, सरकंडा, अरपा किनारे रहने वाले सभी प्रभावित मजदूर, गरीब को आवास मुहैया कराया जाए। यह प्रभावितों का संवैधानिक अधिकार है और राज्य को इसकी जिम्मेदारी का निर्वहन करने कार्यव्य है। इसके आलावा आवास हेतु आवंटन की प्रक्रिया जो लंबित पड़ी है,जिसके अन्तर्गत प्रभावित लोगो ने आवेदन दिया था, और फॉर्म भी डाले थे, उसका काम शुरू कर आवास आवंटन की प्रक्रिया शुरू की जानी चाहिए । ये समय जब सभी तरह के महत्वपूर्ण काम रुके पड़े है, तो ऐसे में अरपा प्रोजेक्ट की इतनी जल्दबाजी नही की जानी चाहिए, आवास के सभी रहवासी मजदूरों के साथ बातचीत , संवाद स्थापित करके इसका हल निकाला जाए। वैधानिक और अवैधानिक के बीच इन्हें फसाने के बजाए, मानवीय पहलुओं को ध्यान में रखकर ही कार्य किया जाए।