बिलासपुर । छत्तीसगढ़ के कृषि एवं पशु पालन विभाग के मंत्री रविंद्र चौबे अपने प्रभार वाले विभागों से संलग्नीकरण समाप्त करने का आदेश दिए हैं परंतु इनके आदेश का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा हैं और पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग में सलंग्नीकरण कर्मचारियों को बढ़ावा देते हुए कई महत्वपूर्ण प्रभार सौंपे जा रहे हैं । जिससे मंत्री जी की छवि पर बड़ा असर पड़ रहा हैं । बिलासपुर जिले के पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग में अफसरों की मनमानी पर रोक लगाने में विभागीय मंत्री रविंद्र चौबे पूरी तरह से असफल हैं और यहां पर परिचारक से लेकर लैब टैक्नीशियन को बड़ी जिम्मेदारी दी जा रही हैं । जिससे विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों में नाराजगी देखने को मिल रहा हैं मगर सब जानकर भी मंत्री जी का मौन रहना समझ से परे हैं । बिलासपुर जिले के पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. आर.के. सोनवाने के मनमानी के सामने मंत्री जी पूरी तरह से असहाय नजर आ रहे हैं । विभागीय सूत्रों ने बताया कि श्याम टॉकीज के पास स्थित पशु चिकित्सालय में लैब टैक्नीशियन के पद पर कार्यरत मुकेश कुमार तिवारी लंबे समय से इस कार्यालय में संलग्न हैं । जिन्हें बड़े - बड़े प्रभार सौंपे गए हैं । इसी तरह वीर्य संग्रहालय कोनी के प्रभारी डॉ. जेड.एच. शम्स को संयुक्त संचालक डॉ. सोनवाने ने यहां का गोपनीय शाखा जैसे महत्वपूर्ण शाखा का प्रभार सौंपे हैं ।वहीं परिचारक स्मृति यादव को भी सहायक के रुप में प्रभार किए गए हैं । विभागीय सूत्रों ने बताया कि इस कार्यालय को डॉ. सोनवाने नहीं बल्कि मुकेश कुमार तिवारी संचालन करते हैं और इनके इशारों पर संयुक्त संचालक कार्य करते हैं । जबकि इस कार्यालय में डॉ. बी.पी.सोनी, डॉ. अर्चना अग्रवाल, डॉ.विरेंद्र पिल्ले, डॉ. आर.एम. तिवारी जैसे वरिष्ठ अधिकारी यहां पर कार्यरत हैं लेकिन एक लैब टैक्नीशियन को विधी प्रकोष्ठ सहित दर्जनों भर शाखाओं का शाखा प्रमुख, सहायक प्रमुख बनाने के साथ ही वीर्य संग्रहालय में पदस्थ डॉ. को विभाग के गोपनीय शाखा प्रभारी बनाये जाना अपने आप में हास्यास्पद हैं । वहीं उक्त विभाग में चर्चा हो रही हैं कि लैब टेक्नीशियन ही यहां का संयुक्त संचालक हैं भले ही डॉ. सोनवाने सरकारी आदेश से संयुक्त संचालक हो मगर विभाग के लिए एक संलग्न कर्मचारी ही संयुक्त संचालक की भूमिका अदा कर रहे हैं । वहीं डिसेंट रायपुर आगामी अंक में इस विभाग के कारनामों को प्रकाशित करेंगी। बहरहाल देखना होगा कि इस मामले पर मंत्री रविंद्र चौबे कार्रवाई करते हैं या फिर मौन रहकर विभाग को गड़बड़ी करने की छुट देते हैं ।
लैब टैक्नीशियन बन सकते हैं संयुक्त संचालक पशु चिकित्सा विभाग चल रहा लैब टैक्नीशियन के भरोसे
• Repoter Pooja Verma