बिलासपुर आयुक्त से शिकायत व जांच की मांग की, मदनपुर ग्राम पंचायत विकासखंड बिल्हा का मामला



बिलासपुर आयुक्त से शिकायत व जांच की मांग की, मदनपुर ग्राम पंचायत विकासखंड बिल्हा का मामला 


 


बिलासपुर। विकास खण्ड बिल्हा जिला बिलासपुर के अंतर्गत स्थित ग्राम मदनपुर के सरपंच और सचिव की मिलीभगत के चलते लाखों रुपये शासकीय राशि के गबन करने का मामला सामने आया है जिसकी शिकायत पूर्व CEO रितेश अग्रवाल को की गई थी प्रकरण को संज्ञान में लेकर उन्होंने कार्यवाही आदेश जारी किया था परन्तु शिकायत को गंभीरता से न लेकर उस पर कोई कार्यवाही नही हुई है जांच में हो रही शिथिलता से विचलित होकर आवेदनकर्ता पुनः जांच हेतु बिलासपुर आयुक्त को एक पत्र लिखा है मिली जानकरी के अनुसार मदनपुर ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच वीरेंद्र साहू एवं सचिव तुलसी उइके के द्वारा शासन द्वारा प्रदत्त ग्राम विकास की शासकीय राशि में कूटरचना कर लाखों की राशि हेराफेरी और गबन कर डकार लिया गया था सूचना के अधिकार में निकाले गए दस्तावेजों के आधार पर इसकी शिकायत ग्राम पंचायत के तात्कालिक CEO रितेश अग्रवाल से भी की गई थी उन्होंने प्रकरण को गंभीरता पूर्वक संज्ञान में लेकर जांच के निर्देश दिए थे जांच मे आरोप सही पाया गया तथा सीईओ ने सरपंच वीरेंद्र साहू एव सचिव तुलसी उइके के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज करने सहित गबन की गई राशि वसूल करने के आदेश जारी किए थे परन्तु लंबी अवधि गुजरने के पश्चात आज तक उक्त आदेश पर कोई कार्यवाही नही हुई तथा प्रकरण को दबा दिया गया था इसे लेकर सूचना के अधिकार 2005 के अंतर्गत सूचना प्राप्त करने वाले आवेदक संतोष गौतम,रामू देवदत्त, लेख राम साहू, त्रियोगी नारायण साहू ने पुनः संभाग आयुक्त बिलासपुर को पत्र लिख कर गबन कर्ता संलिप्त सरपंच वीरेंद्र साहू,एव सचिव तुलसी उइके के विरुद्ध कार्यवाही किए जाने की मांग की गई है तथा उन्होंने जन सूचना अधिकारी सचिव पर यह भी आरोप लगाया है कि सूचना के अधिकार में प्रदत दस्तावेजो को प्रमाणिकता के साथ नही दिया गया और साथ ही पृष्ठ संख्या पर आधारित देयक राशि की पावती भी आवेदक गण को प्रदाय नही किए जाने के आरोप लगाए है साथ ही इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरपंच, सचिव की मिली भगत से ग्राम पंचायत के विकास हेतु शासकीय मदों पर प्रदत राशि को दस्तावेजों में कूटरचना करते हुए सरपंच सचिव के द्वारा हेराफेरी कर गबन और लाखों की राशि डकारे जाने की संभावना प्रबल हो जाती है इसकी शिकायत संभाग आयुक्त से करते हुए निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है यही नही आवेदन की प्रति संबधित अधिकारियों को भी प्रेषित की गई है ।