सरपंच रमनीत के अथक प्रयास से ग्राम जरौद (उमरिया) में गौठान व आदर्श निर्मल ग्राम बनेगा



 


सरपंच रमनीत के अथक प्रयास से ग्राम जरौद (उमरिया) में गौठान व आदर्श निर्मल ग्राम बनेगा


 


रायपुर । रायपुर से लगभग तीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम जरौद (उमरिया) की नव नियुक्त सरपंच रमनीत सालिक डहरिया जिनके लिए ग्राम विकास के रूप मे सबसे पहली कड़ी गौठान निर्माण सौगात के रूप में मिला है दसवीं तक शिक्षित रमनीत सालिक डहरिया बताती है कि गौठान निर्माण ग्राम के अंतिम छोर पर लगभग 18 एकड़ भूमि में गौठान निर्माण हो रहा है


 छत्तीसगढ़िया भूपेश सरकार ने गाय के संरक्षण संवर्धन और सुरक्षा को लेकर नरुवा,गरुवा,घुरूवा,बाड़ी, जैसी महत्वपूर्ण योजना का सफल क्रियान्वयन ग्राम पंचायतों के माध्यम से प्रारंभ करया वह भी ऐसे समय जब समूचा विश्व कोविड 19 कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है तथा लॉक डाउन जैसे बंद में सबके समक्ष रोजगार की समस्या खड़ी है फिर भी राज्य शासन की उक्त महती योजना को ग्राम पंचायतों के माध्यम से धरा पर लाने सरकार कटिबद्ध है तथा ग्राम पंचायत के समक्ष यह योजना एक तरह से चुनौती भी बनी हुई है तो दूसरी ओर वरदान भी साबित हो रहा है चुनौती इसलिए कि कोरोना संक्रमण काल मे जब प्रत्येक व्यक्ति अपने स्वस्थ्यगत कारणों को दृष्टिगत रखते हुए स्वयं को कपड़े के मास्क और दरवाजे के पीछे दुबक कर छिपाने का प्रयास कर रहा है तो वही मौसमी फसल की जिम्मेदारी भी कृषकों के मजबूत कांधों पर पड़ी हुई है ऐसे में राज्य शासन के महत्वाकांक्षी योजना भी ग्रामीण और श्रमिकों के सहयोग से आपने अपने ग्राम क्षेत्रों में अमल में लाना है ऐसे में नरूवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना ग्राम पंचायतों के समक्ष एक बहुत बड़ी चुनौती भी बनी हुई है दूसरी ओर यह योजना वरदान इसलिए साबित हो रही है कि भावी समय इसके सारगर्भित परिणाम सामने आएंगे जो ग्रामीण पृष्ठ भूमि के आर्थिक सुदृढ़ता के साथ रीढ़ की हड्डी बनेगी साथ ही वर्तमान में भी उक्त योजना से ग्रामीण श्रमिकों को आर्थिक रूप से लाभान्वित होने का अवसर मिल रहा है वह भी ऐसे समय जब कोरोना काल के विपदा की घड़ी में जब आम इंसान के समक्ष रोजी रोटी के लाले पड़े हुए है ग्राम क्षेत्र में नव निर्मित गौठान, सहित मनरेगा के तहत रोजगार सुलभ हो रहा है साथ ही प्रदेश सरकार की योजना नरूवा गरुवा घुरूवा बाड़ी का सफल क्रियान्वयन भी हो रहा है जो रायपुर से लगभग तीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम जरौद (उमरिया) में देखने मिला है ग्राम जरौद की नव नियुक्त सरपंच रमनीत सालिक डहरिया जिनके लिए ग्राम विकास के रूप मे सबसे पहली कड़ी गौठान निर्माण सौगात के रूप में मिला है दसवीं तक शिक्षित रमनीत सालिक डहरिया बताती है कि गौठान निर्माण ग्राम के अंतिम छोर पर लगभग 18 एकड़ वृहद भूभाग में किया जा रहा है जिसे हमने चार भागों में विभाजित किया है इसमें प्रथम भाग में गौठान निर्माण किया जा रहा है गौठान प्रांगण मे लगभग चार शेड ग्रामीण परिवेश अधोसंरचना को दृष्टिगत रखते हुए निर्माण कराया जा रहा है गाय के चारा, एवं पेयजल व्यवस्था, सहित उनके समुचित सुरक्षा के उपाय किए जा रहे है जबकि इसी आहता में बर्मी कम्पोस्ट खाद निर्माण हेतु पृथक बेड निर्माण किया जा रहा है जहां गाय के वेस्टेज अपशिष्ट पदार्थ, घासफूस एव केंचुए की मदद से जैविक खाद निर्माण किया जाएगा जिसे गुणवत्ता के आधार पर उसकी पैकेजिंग की व्यवस्था की जाएगी जो प्रदेश के कृषकों को अल्प दर पर बर्मी कम्पोस्ट खाद महिला समूह के माध्यम से विक्रय किया जाएगा सरपंच रमनीत सालिक डहरिया ने आगे बताया कि ग्राम के लगभग नौ स्व सहायता महिला समूह की सहभागिता सुनिश्चित की जाएगी ताकि वे आत्म निर्भर हो कर आर्थिक रूप से सुदृढ और स्वावलबी बन सके दूसरे अन्य भूभाग में फलदार वृक्ष लगाए गए है जिनमे आम जाम आंवला इमली, महंदी, करौंदा के पौधे रोपे गए है अन्य भूभाग में मौसमी फसल के अलावा मक्का अरहर सहित मौसमी साग,सब्जी फसल लिए जाएंगे जो भविष्य में महिला समूह के आर्थिक लाभ का माध्यम बनेगा ग्राम क्षेत्र की महिला समूह को आत्मनिर्भर बनाने कार्यशाला का आयोजन कर प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके अलावा दूसरे विभाजित भूभाग में मछली पालन की योजना है जिसमे शीघ्र मछली बीज डालकर मछली व्यवसाय को प्रोत्साहित किया जाएगा गौठान निर्माण में सबसे बड़ी बाधा मार्ग रोधक की मानी जा रही है जिसके लिए सचिव जोहत राम धींवर ने बताया मार्ग सुलभ बनाने हेतु प्रयास किया जा रहा है जिसका निराकरण किया जाएगा सरपंच रमनीत सालिक डहरिया ने बताया कि राज्य शासन द्वारा नरूवा गरुवा घुरूवा बाड़ी योजना का लाभ स्थानीय ग्राम वासियों को प्राप्त हो रहा है मगर मनरेगा के तहत श्रमिक भुगतान में होने वाली विलंब को सरलीकरण किया जाना चाहिए ताकि समय पर श्रमिक भुगतान होने से आर्थिक विपन्नता से बचा जा सके उन्होंने ग्राम क्षेत्र में शिक्षा के स्तर को लेकर बताया कि अभी ग्राम जरौद (उमरिया) में कक्षा पांचवी तक ही स्कूल है जिसे जनपद सदस्य हृदय जांगड़े गुरुजी एवं ग्राम सरपंच के प्रयास से हाई- स्कूल तक शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रस्ताव पारित किया जा चुका है जो अगले सत्र से संभवतः हाईस्कूल तक शिक्षा ग्राम जरौद के पाठशाला में पूर्ण कर सकेंगे अपनी भावी योजना के बारे में सरपंच रमनीत सालिक डहरिया ने बताया कि ग्राम की मूलभूत समस्या का निराकरण जैसे नाली, सामुदायिक भवन, स्कूल भवन, रंगमंच, महिला समूह भवन, पीडीएस भवन की ग्राम में अति आवश्यकता है जिसका प्रस्ताव भेजा गया है जो भावी योजनाओं को चरणबद्ध तरीके से अमल में लाया जाएगा वही ग्राम में पन्द्रह सौ आबादी वाले क्षेत्र होने के कारण पेयजल की समस्या भी बनी हुई है जिसके निराकरण के प्रयास भी किए जा रहे है मूलभूत सुविधा के नाम पर बिजली, सी.सी.रोड तथा गौठान पहुंच मार्ग दुरुस्तीकरण अति आवश्यक है जिसे योजनाबद्ध तरीके से क्रियान्वित करने के प्रयास किए जाएंगे सरपंच रमणित सालिक डहरिया आगे बताती है कि ग्राम जरौद (उमरिया) को स्वच्छ निर्मल और आदर्श ग्राम बनाना चाहती है तथा सभी पंचगण ग्राम वासियों का विशेष सहयोग मिलता है परन्तु कोरोना संक्रमण काल की वजह से विलंब हो रहा है जिसे समय अनुसार योजना अनुसार ग्राम विकास के कार्यों में गति लाना उनकी प्राथमिकता में शुमार है।