आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संगठन में किया गया बड़ा बदलाव- मोतीलाल बोरा, आजाद और अंबिका सोनी महासचिव पद से हटाये गए


आल इंडिया कांग्रेस कमेटी के संगठन में किया गया बड़ा बदलाव- मोतीलाल बोरा, आजाद और अंबिका सोनी महासचिव पद से हटाये गए


 


    


Major change in organization of All India Congress Committee


नई दिल्ली। आल इंडिया कांग्रेस में नये अध्यक्ष को चुने जाने को लेकर छिड़ी बहस के बीच शुक्रवार 11 सितंबर 2020 को राष्ट्रीय स्तर पर संगठन में बड़ा बदलाव किया गया है। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, मोतीलाल बोरा और अंबिका सोनी को महासचिव पद से हटा दिया गया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे को भी महासचिव पद से हटाया गया है।


 


कांग्रेस वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन


कांग्रेस वर्किंग कमेटी का नए सिरे से गठन किया गया है। इस नई वर्किंग कमेटी में कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, एके एंटनी, अहमद पटेल, अंबिका सोनी, गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा को शामिल किया गया है।


 


सोनिया गांधी की सहायता के लिए समिति बनी


कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी की सहयता के लिए एक समिति का गठन किया गया है। इस समिति में अहमद पटेल, अंबिका सोनी, एके एंटनी, मुकुल वासनिक, वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला को रखा गया है।


 


इन नेताओं को दी गयी अहम जिम्मेदारी


मुकुल वासनिक को मध्य प्रदेश का प्रभारी महासचिव बनाया गया।


हरीश रावत को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी महासचिव बनाया गया।


तारिक अनवर को केरल का प्रभारी महासचिव बनाया गया।


रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक का प्रभारी महासचिव बनाया गया।


राजीव शुक्ला को हिमाचल प्रदेश का प्रभारी बनाया गया।


जितिन प्रसाद को पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाया गया।


कांग्रेस में बदलाव को ऐसे समझें


पार्टी में रणदीप सिंह सुरजेवाला का कद बढ़ा। कर्नाटक के प्रभारी महासचिव बने, कांग्रेस कार्यसमिति में भी जगह पाई साथ ही साथ कांग्रेस अध्यक्ष को मदद करने वाली कमेटी में भी नाम शामिल।


तारिक अनवर को कांग्रेस कार्यसमिति में भी शामिल किया गया। साथ ही साथ महासचिव भी बनाया गया यानि कि बड़ी जिम्मेदारी मिली।


चिट्ठी लिखने वाले नेताओं में गुलाम नबी आजाद को महासचिव पद से हटाया गया जबकि वह राज्यसभा में फिलहाल नेता विपक्ष और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य बने रहेंगे।


कांग्रेस पार्टी में अजय माकन का भी कद बढ़ा, राजस्थान के प्रभारी महासचिव के साथ ही कांग्रेस कार्यसमिति में भी जगह मिली।


आनंद शर्मा को कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं मिली, मनीष तिवारी यथावत, कपिल सिब्बल को नजरअंदाज किया गया।


सचिन पायलट की भूमिका क्या होगी? इस पर सस्पेंस बरकरार, इस फेरबदल में नहीं मिली कोई जिÞम्मेदारी।


कांग्रेस में हुए इसबदलाव के हीरो रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला रहे। मुश्किल वक्त में पार्टी के साथ मजबूती से खड़े रहने और मीडिया में 2014 की हार के बाद दमदार आवाज बने रहने का मिला इनाम।