महिला स्व सहायता समूह बैंहार के स्वच्छता अभियान की युवा शक्ति संगठन ने की सराहना साथ ही सत्ता पक्ष पे लगाया निष्क्रियता का आरोप, जिसे निराधार बता कर कटाक्ष किया सत्ता पक्ष ने


ग्राम बैंहार में बढ़ते कचरों के ढेर को देखते हुए युवा शक्ति संगठन के द्वारा ग्राम पंचायत बैहार के जनप्रतिनिधियों को स्वच्छता हेतु ज्ञापन सौंपा गया था जिसमें कई दिनों से पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा स्वच्छता जैसी मूलभूत आवश्यकता पर कोई उचित कदम नहीं उठाया गया युवा शक्ति संगठन द्वारा जानकारी लेने के लिए 15 दिनों बाद जब पंचायत प्रतिनिधियों से पूछा गया कि स्वच्छता के लिए क्या कदम उठाए गए हैं तो उपसरपंच नंद कुमार यादव एवं पंचायत सचिव कल्याण डहरिया के द्वारा जानकारी दी गई कि पंचायत में किसी भी प्रकार के फंड ना होने के कारण वे स्वच्छता कार्य कराने में असमर्थ हैं। साथ ही साथ पंचायत सचिव द्वारा यह कहा गया कि पंचायत 5 लाख रुपए की कर्ज में चल रही है। गांव की महिला स्व सहायता समूह द्वारा अपने स्वविवेक व स्वप्रेरणा से जब स्वच्छता अभियान चलाया गया तब अपनी झूठी शान प्रदर्शित करने में भी ग्राम बैंहार के सरपंच श्रीमती गीता बाई साहू , उप सरपंच नंद कुमार यादव ,पंचायत सचिव कल्याण डहरिया तथा सरपंच पुत्र हेमंत साहू के द्वारा यह अफवाह फैलाया गया कि इनके दिशा निर्देश अनुसार स्वच्छता की मुहिम चलाया गया। जो कार्य ग्राम पंचायत को करना चाहिए उसे सरपंच श्रीमती गीता साहू के निष्क्रियता के चलते महिला स्व सहायता समूह ने अपने स्वप्रेरणा से स्वच्छता कार्य किया। जिसे युवा शक्ति संगठन ने सराहा। इस नेक कार्य के लिए समस्त ग्रामवासी महिला स्व सहायता समूह के आभारी हैं।


सरपंच के निरंतर लापरवाही एवं निष्क्रियता से ग्रामवासी व्यथित हैं ग्राम पंचायत बैहार के सरपंच के निरंतर निष्क्रियता के चलते गांव की आवश्यक बैठक में सरपंच गीता साहू की अनुपस्थिति बनी रहती हैं। जिसकी जगह सरपंच पुत्र स्वयं को सरपंच प्रतिनिधि बताते हुए सरपंच की जगह लेता है तथा सरपंच पुत्र बैठक के बीच में ही गांव के बुजुर्गो व किसानों से दुर्व्यवहार करते हुए बैठक से ही उठ कर चला जाता है। इन सब वास्तविकता को छुपाते हुए सरपंच पुत्र समाचार के माध्यम से यह दर्शाता है कि उसके द्वारा बैठक में किया गया दुर्व्यवहार मिथ्या व भ्रामक है। ग्राम बैहार की वास्तविकता यह है कि नवनिर्वाचित सरपंच के पद में आने के बाद कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ है। सरपंच व्यर्थ ही बिना किसी कारण के मीडिया व समाचार पत्र में भ्रांतियां फैलाता हैं। " सत्ता पक्ष से सम्पर्क कर इस आरोप के बारे मे जानकारी दी तो इन आरोपों को निराधार बताया। "