नंदौरी गाँव की महिलाओं ने चुनी स्वावलंबन की राह,अब और महिला समूहों को कर रही प्रशिक्षित
दुर्ग-कहते हैं जहां चाह वहाँ राह ।यही कहानी है धमधा जनपद के नंदौरी के संगवारी स्व सहायता समूह की। समिति की अध्यक्ष श्रीमती रानी लक्ष्मी बाई बंछोर ने बताया कि जब उन्होंने सरकार की नरवा गरूवा घुरूवा बाड़ी ,गोधन न्याय योजना के बारे सोशल मीडिया पर देखा ,अखबारों में पढ़ा तो उनको भी रुचि उत्पन्न हुई कि घर पर बैठकर भी आमी अर्जित कर सकती हैं। मुख्यमंत्री जी ने गौठानों को रोजगार ठौर के रूप में विकसित करने की भी घोषणा की है तो क्यों न हम महिलाएं भी स्वावलंबन की दिशा में कदम बढ़ाएं। समूह बनाया और यू ट्यूब पर गोबर से दिए बनाने की विधि देखी।जनपद पंचायत से भी मदद मिली।उनका का सबको पसंद आया अब तो और लोगों को भी प्रशिक्षण दे रही हैं। राजनांदगांव के दूरस्थ मानपुर जनपद से भी महिलाएं प्रशिक्षण लेकर जा चुकी हैं।साथ ही पाटन के कई क्लस्टर की महिलाओं को भी इस समूह ने गोबर से दिए बनाना सिखाया है।ये दिए 30 से 35 रुपए दर्जन में उपलब्ध हैं।
राज्य शासन की पहल से गोबर के बहु आयामी उपयोग की राह खुली
किसने सोचा था जिस गोबर को हम किसी काम का नहीं समझते थे वही आज लाखों लोगों की आय का ज़रिया बन जाएगा। राज्य शासन की गोधन न्याय योजना से एक तरफ किसान व पशुपालकों की आय में इज़ाफ़ा हुआ है और वर्मी कम्पोस्ट व नाडेप खाद बनाकर जैविक खेती की राह तो रोशन हुई ही है।दूसरी ओर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने गोबर से दिए एवं अन्य सजावटी सामान बनाकर न केवल अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही हैं बल्कि आय भी अर्जित कर रही हैं।रक्षाबंधन में जहां गोबर से बनी राखियों को लोगों ने पसंद किया और गणेश चतुर्थी में गोबर व मिट्टी के गणेश घर घर विराजे अब नवरात्र और दीपावली के लिए दिए,धूप,वंदन वार,लटकन व शुभ-लाभ आदि सामग्रियाँ बाजार में आने की तैयारी में हैं।