स्वरांजलि संस्था द्वारा महामहिम मृदुला सिन्हा जी का शोक सभा वर्चुअल तरीके से मनाया गया


स्वरांजलि संस्था द्वारा महामहिम मृदुला सिन्हा जी का शोक सभा वर्चुअल तरीके से मनाया गया


 


स्टेट हेड सनोवर खान 


 


पटना, बिहार ।


 


महामहिम मृदुला सिन्हा जी को सम्मानित करने क़ा गौरव स्वरांजलि संस्था के संयोजक अनिल रश्मि जी को प्राप्त हुआ था । बहुत गर्व की बात है कि राज्यपाल के द्वारा लोगों को सम्मानित किया जाता है लेकिन पटना साहिब के धरती पर स्वरांजलि संस्था के संयोजक अनिल रश्मि जी के द्वारा मृदुला सिंहा जी को सम्मानित किया गया था। स्वराँजलि संस्था के संयोजक अनिल रश्मि जी को कहा था कि मैं दादी समान , शाल उढ़ाओ


औऱ शीश झुका दिया : अनिल रश्मि 


            


 


"साहित्य ,कला , संस्कृति की पर्याय थीं मृदुला सिन्हा " :डा. ध्रुव कुमार 


 


. कहा मैं दादी समान , शाल उढ़ाओ


औऱ शीश झुका दिया : अनिल रश्मि 


-----------------------------------------------


 


 राजनीतिक जीवन में राज्यपाल के पद पर रहते हुए समाजसेवा,भारतीय 


संस्कृति औऱ साहित्य को समान रूप 


से जिया । बिहार उनके सांसो में बसता था , मृदुला जी का व्यक्तित्व 


स्त्री सशक्तिकरण की मिसाल है ,जो


सदियों तक लोगों को प्रेरित करती रहेगी । प्रखर साहित्यकार थीं । उनके साहित्य लेखन में स्त्री व्यथा के साथ  


ग्रामीण समस्याओं औऱ इन कुंठित समस्याओं क़ा मानव पर होने बाले 


प्रभाव क़ा शाश्वत चित्रण देखने को


मिलता है। नारी रूप में सामाजिक 


परिवेश में " ममता की मूर्ति " के रूप 


में प्रतिस्थापित थीं मृदुला जी॥ तीन 


दशक से पारिवारिक संबंध था मेरा ।


अपनी किर्तियों में सदैव ज़िन्दा रहेंगीं ।


मैं इन्हे नमन करता हूँ। ये बातें आज 


स्वराँजलि द्वारा आयोजित महेन्द्रू स्थित " व्योम सभागार " में शोक सभा 


में शिक्षाविद , लेखक डा. ध्रुव कुमार नें 


कही।


संयोजक अनिल रश्मि नें संस्मरण सुनाते हुए कहा 4 जून ,2015 को 


पर्यावारण दिवस की पूर्व संध्या पर 


कार्यक्रम था । इस क्षेत्र में महामहिम 


मृदुला जी नें का़फी अच्छा काम किया 


था , को लेकर मुझे मृदुला जी को 


सम्मानित करना था । सम्मान पत्र दिया । जब शाल हांथो में देने लगा तो


उन्होनें कहा... " मैं दादी समान हूँ ,


शाल उढ़ाओ औऱ शीश झुका दिया..।"


इतनी सरलता , सहजता , अंतहीन 


स्नेह की प्रकाशपुंज सदियों में एक बार धरती पर अवतरित होता है, वो


थीं मृदुला जी॥ मैं अभिभूत हो गया


था । ऐसी ज्ञानमनी को मैं वंदन करता


हूँ। ईश्वर उन्हें आत्म - शांति दे। 


मौक़े पर डा. दिलिप कुमार , डा. करुणा निधि , डा. सूर्य प्रताप , डा. विजेंद्र चंद्रवंशी , नितिन कुमार वर्मा,


राजा पुट्टु , ऋषभ रत्न , डा. शीला 


कुमारी , सुनीता रानी ,तलत जहां नें 


अपनी गहरी संवेदनाएं प्रकट की।


 


मृदुला सिन्हा (27 नवम्बर 1942 )ग्राम छपरा,जिला मुजफ्फरपुर बिहार) वर्तमान में गोवा के राज्यपाल पद पर हैं। वे एक सुविख्यात हिन्दी लेखिका के साथ-साथ भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीय कार्यसमिति की सदस्य भी हैं। इससे पूर्व वे पाँचवाँ स्तम्भ के नाम से एक सामाजिक पत्रिका निकालती रही हैं।


 


मृदुला सिन्हा


 


गोवा की राज्यपाल


पदस्थ


कार्यालय ग्रहण 


26 अगस्त 2014


पूर्वाधिकारी


ओम प्रकाश कोहली


जन्म


27 नवम्बर 1942 (आयु 77)


मुजफ्फरपुर, बिहार


मृत्यु


18 नवम्बर 2020


जीवन संगी


डॉ.राम कृपाल सिंह


निवास


काबो राजभवन, डोना पाउला, गोवा


श्रीमती सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी के प्रधानमन्त्रित्व-काल में केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष.भी रह चुकी हैं। उनकी पुस्तक एक थी रानी ऐसी भी की पृष्ठभूमि पर आधारित राजमाता विजया राजे सिन्धिया को लेकर एक फिल्म भी बनी थी।


मृदुला सिन्हा का जन्म श्रीमती अनुपा देवी व बाबू छबीले सिंह के यहाँ 27 नवम्बर 1942 को हिन्दू पंचांग के अनुसार राम-विवाह के शुभ दिन बिहार राज्य में मुजफ्फरपुर जिले के छपरा गाँव में हुआ था। मनोविज्ञान में एम०ए० करने के बाद उन्होंने बी०एड० किया और मुजफ्फरपुर के एक कॉलेज में प्रवक्ता हो गयीं। कुछ समय तक मोतीहारी के एक विद्यालय में प्रिंसिपल भी रहीं किन्तु अचानक उनका मन वहाँ भी न लगा और नौकरी को सदा के लिये अलविदा कहके उन्होंने हिन्दी साहित्य की सेवा के लिये स्वयं को समर्पित कर दिया। उनके पति डॉ॰ रामकृपाल सिन्हा, जो विवाह के वक़्त किसी कॉलेज में अंग्रेजी के प्रवक्ता हुआ करते थे, जब बिहार सरकार में मन्त्री हो गये तो मृदुला जी ने भी साहित्य के साथ-साथ राजनीति की सेवा शुरू कर दी थी। आज तक यह सिलसिला लगातार जारी था।